RAAGDEVRAN
POEMS BY MANOJ KAYAL
Monday, July 27, 2009
जिगर
दिल ये जिगर बेचैन है
आपकी मोहब्बत में
जून की गरम तपीस में
पल पल
जल रहा दिल है
बिन आपके है
सावन की घटा भी बेमजा
जो आप साथ हो तो
सागर पार कर जायेगें
आप को जीत लिया तो
दुनिया जीत जायेगें
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