पल पल समय बीता जा रहा है
ह़र तरफ बदलाव आ रहा है
दिन ढल रहा है रात आ रही है
सर्द जा रही है गरम आ रही है
नए अंकुरित प्रस्फुटित हो रहे है
पुराने फूल मुरझा रहे है
कोई आ रहा है कोई जा रहा है
जीवन रफ़्तार में बचपन खो रहा है
समय बिन रुके चला जा रहा है
हर ओर जीवन चक्र चल रहा है
कुदरत का यही नियम है
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