RAAGDEVRAN
POEMS BY MANOJ KAYAL
Monday, July 20, 2009
सुनो सजन
सुनो सुनो ये सजन
दिल का फ़साना सुनो ये सजन
सदियों पुराना साथ हमारा
मरकर भी है साथ निभाना
सुनो सुनो ये सजन
हर मुलाक़ात एक नया फ़साना
यादगार है हर पल को बनाना
सुनो सुनो ये सजन
हाथों में हाथ पकड़
प्रियतम संग साथ निभाना है उम्र भर
सुनो सुनो ये सजन
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