कुदरत ने आज फिर नया जन्म लिया है
तेरे रूप में धरा को नया फूल दिया है
चंदा की चांदनी आफताब की किरणों से
मुख आभा श्रृंगार किया है
कुदरत ने आज फिर नया जन्म लिया है
फूलों सा कोमल यौवन से भर पूर
रूप से तुझको संवारा है
कुदरत ने आज फिर नया जन्म लिया है
कोयल सी मधुर वाणी चितवन सी मुस्कान
से तुझको नवाजा है
कुदरत ने आज फिर नया जन्म लिया है
परियों के देश में रति से हसीन अप्सरा रूप में
हमको रिझाने तुमको भेजा है
कुदरत ने आज फिर नया जन्म लिया है
तुमसे हारेगी दुनिया
रूप होगा मोहिनी
यह वरदान दिया है
कुदरत ने आज फिर नया जन्म लिया है
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